Beth akela do ghadi, Kabhi to Ishwar Dhaya Kar

Doha

बैठ अकेला दो घडी, कभी ईश्वर तो ध्याया कर,
मन मंदिर में गाफ़िला, तूं झाड़ू रोज लगाया कर।

सोने में तो रेन गंवाई, दिन भर करता पाप रहा,
मोह माया में फंस कर बन्दे, धोखे में तूँ आप रहा|
सुबह सवेरे उठ प्रेमिया, सत्संग में नित आया कर,
मन मंदिर में गाफ़िला, तूं झाड़ू रोज लगाया कर|

बारम्बार जन्म का पाना, बच्चों का खेल नहीं,
पूर्व जन्म के सतकर्मों का, जब तक होता मेल नहीं|
मुक्ति पद पाने के लिए, तू उत्तम कर्म कमाया कर
मन मंदिर में गाफ़िला, तूं झाड़ू रोज लगाया कर|

पास तेरे हो दुखिया कोई, तूने मौज उड़ाई क्या,
भूखा प्यासा पड़ा पड़ोसी, तूने रोटी खाई क्या|
पहले सबसे पूछ उन्हें, तूँ पीछे रोटी खाया कर,
मन मंदिर में गाफ़िला, तूं झाड़ू रोज लगाया कर|